| 1. | इसके कारण ही तमाम खगोलीय पिण्ड अपनी जगह स्थिर है।
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| 2. | आकर्षण बल के सहारे सभी खगोलीय पिण्ड टिके हुए हैं।
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| 3. | खगोलीय पिण्ड एक दूसरे को आकर्षित करते रहते हैं तथा इसी
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| 4. | की सहायता से अब आप किसी भी ग्रह, नक्षत्र, खगोलीय पिण्ड को अपने
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| 5. | यह ग्रह सूर्य एवं चंद्रमा के बाद सौरमण्डल का सबसे चमकीला खगोलीय पिण्ड है।
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| 6. | अपनी कक्षाओं में घूमते हुए जब तीन खगोलीय पिण्ड एक रेखा में आ जाते है.
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| 7. | जब कोई खगोलीय पिण्ड किसी अन्य पिण्ड द्वारा बाधित होकर नजर नहीं आता, तब ग्रहण होता है.
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| 8. | ग्रह-खगोल में स्थित वह पिण्ड जो किसी अन्य स्थिर खगोलीय पिण्ड के चारों ओर घूमता हो ।
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| 9. | तकनिकि तौर पर यह सही है कि यह संधि किसी व्यक्ति को किसी खगोलीय पिण्ड के स्वामित्व से रोकती नही है।
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| 10. | कोई भी ग्रह एक विशाल, ठंडा खगोलीय पिण्ड होता है जो एकनिश्चित कक्षा में अपने सूर्य की परिक्रमा करता है।
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